सपने हों पुरे सभी मिले सफलता रोज
ओजस्वी जीवन मिले करो नए नित खोज
करो नए नित खोज खनकती रहे हव़ा में वाणी
'विधि' सम्मत सब काम करो तुम करना ना मनमानी
देते हैं आशीष निरंतर विधना हो अनुकूल
काँटों के आने से पहले पथ में बिखरे फूल
दिवा स्वप्न देखो नहीं भूल न होने पाए
करना न कोई काम कभी जो पीछे मन पछताए
आगे ईश्वर की कृपा बने निरंतर काम
इतने ऊँचे जा पहुँचो की दुनियाँ करे प्रणाम
शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012
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