बदले जो व्यवहार
सबकी अपनी किश्मत है सबकी एक कहानी
सबकी अपनी किश्मत है सबकी एक कहानी
लेकिन सब अनमोल हैं सबके सब गुनखानी
सबके सब गुनखानी खेल विधाता की है न्यारी
कोई तो संतुष्ट स्वयं में कोई सदा दुखारी
दीन नहीं वह भी मगर जाने यह संसार
सूरज सा चमके अगर बदले जो व्यवहार ।।
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