KAVITAYEN
बुधवार, 2 मई 2012
Nyaa Prabhaat
मन प्रशन्न अत्यंत है देखा नया प्रभात
जागने लगी है लालसा कट गई काली रात
सागर तट मुंबई बसे किसकी होगी आज
अन अधिकृत रहते सभी कहने लगा है राज
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Nyaa Prabhaat मन प्रशन्न अत्...
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मेरे बारे में
नागेन्द्र पाठक
Teacher in D.L.D.A.V. Model school Pitampura Delhi 88
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