शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012


 एफ . डी . आई 

एफ . डी . आई . एफ . डी . आई . 
बोलो बोलो कहाँ से आई 
देशी हो या परदेशी तुम 
अपनी हो या कोई पराई 
एफ . डी . आई . एफ . डी . आई . 
बोलो बोलो कहाँ से आई ।

संसद में जब हुआ हंगामा 
सबने देखा सबका ड्रामा 
मनमोहन जी जित गए पर 
बन नहीं पाए ;यहाँ ओबामा 
बड़े भयंकर कहते हैं सब 
ऐसी है तेरी परछाई ।
एफ . डी . आई . एफ . डी . आई . 
बोलो बोलो कहाँ से आई ।

सकते में सारे व्यापारी 
अन्धकार में सब अधिकारी 
पक्ष बिपक्ष समझ ना आये 
दिखती है  सबकी लाचारी 
कहते  हैं आफत की पुडिया 
दुनियाँ  भर  में हो दुखदाई 
एफ . डी . आई . एफ . डी . आई . 
बोलो बोलो कहाँ से आई 

आओ अब तो राह बनी है 
पाठक को परवाह नहीं है 
हम सब हैं माटी के पुतले 
दर्द बहुत  पर आह नहीं है 
आर्थिक मोर्चा फतह करो तुम 
समझो लेकिन पीर पराई 
एफ . डी . आई . एफ . डी . आई . 
न जानें तुम  कहाँ से आई 
देसी हो या परदेसी पर 
बन कर रहना अपनी ताई ।।

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